कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा का निधन

Former Karnataka Chief Minister and former Foreign Minister SM Krishna passed away

बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा का निधन हो गया है। 92 वर्ष की आयु में उन्होंने बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। एस एम कृष्णा लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे और 2023 में उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

एस एम कृष्णा ने अपने राजनीतिक जीवन का अधिकांश समय कांग्रेस पार्टी में बिताया, लेकिन बाद में वह भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में शामिल हो गए थे। उनके निधन पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री, कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।

कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे का शोक संदेश
एस एम कृष्णा के निधन पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने ट्वीट किया, “कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री श्री एस.एम. कृष्णा के निधन से बहुत दुखी हूं, जिनके नेतृत्व और सार्वजनिक सेवा की विरासत ने हमारे राज्य और राष्ट्र पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उनकी दूरदर्शिता और समर्पण ने कर्नाटका की प्रगति को आकार दिया और बेंगलुरु के लिए शासन के प्रति उनके कॉर्पोरेट दृष्टिकोण ने उन्हें कई लोगों का प्रिय बना दिया। हम अभी भी बेंगलुरु को एक वैश्विक शहर के रूप में स्थापित करने के उनके दृष्टिकोण का लाभ उठा रहे हैं। जब हम उन्हें याद करते हैं, तो हम न केवल हमारे राजनीति में एक महान व्यक्ति के नुकसान का शोक मनाते हैं, बल्कि उनके अच्छे जीवन से प्रेरणा भी लेते हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहे।”

एस एम कृष्णा का राजनीतिक सफर
एस एम कृष्णा का राजनीतिक सफर बहुत ही प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने 1960 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। साल 1962 में उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़कर पहली बार निर्दलीय विधायक के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके बाद उन्होंने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी जॉइन की और बाद में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।

एस एम कृष्णा 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे और उनके कार्यकाल में राज्य में कई महत्वपूर्ण विकास कार्य हुए। इसके बाद, वह केंद्र सरकार में मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश मंत्री बने और भारत की विदेश नीति को नया दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

साल 2017 में, लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद, एस एम कृष्णा ने भाजपा जॉइन की। इसके अलावा, वह दिसंबर 2004 से मार्च 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे।

निधन पर शोक और श्रद्धांजलि
एस एम कृष्णा के निधन पर कर्नाटक और पूरे देश में शोक की लहर है। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। वह एक दूरदर्शी नेता थे, जिनका राजनीतिक जीवन और सेवा कार्य हमेशा याद रखा जाएगा। उनके योगदान से कर्नाटक और भारत की राजनीति को एक नई दिशा मिली।

उनके परिवार, सहयोगियों और देशवासियों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की गई हैं।

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